बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा.

संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो .” किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.

तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ”

किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.