भेड़ चरानेवाला लड़का और भेडि़या
एक भेड़ चरानेवाला लड़का था। वह रोज भेड़ों को चराने के लिए जंगल में ले जाता था। जंगल में वह अकेला होता था। इसलिए उसका मन नही लगता था। एक दिन उसे मजाक करने की सूझी।
वह जोर जोर से चिल्लाने लगा, “बचाओ बचाओ भेडि़या आया भेडि़या आया।”
आसपास के खेतो में किसान काम कर रहे थे। उन्होने लड़के की आवाज सुनी वे अपना अपना काम छोड़कर लड़के की मदद के लिए दौड़ पड़े। जब लड़के के पास पहुचे तो उन्हे कही भेडि़या दिखाई नही दिया। किसानो ने लड़के से पूछा, “भेडि़या तो कहीं है नही फिर तुमने हमे क्यों बुलाया?”,
लड़का हँसने लगा उसने कहा, “मैं तो मजाक कर रहा था। भेडि़या आया ही नही था। जाओ जाओ तुम लोग।”
किसानो ने लड़के को खूब डाटा फटकारा इसके बाद वे लौट गए।
एक बार लडके ने फिर ऐसा ही मजाक किया आसपास के किसान मदद के लिए दौड़ आए। लड़के के इस मजाक पर उन्हे बहुत गुस्सा आया लड़के को डाँट फटकार कर चले गए।
कुछ समय बाद एक दिन सचमुच भेडि़या आ पहुँचा भेड़ चरानेवाला लड़का दौडकर पेड़ पर चढ़ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा।
पर इस बार उसकी मदद के लिए कोई नही आया सभी ने यही सोचा कि वह बदमाश लड़का पहले तरह मजाक कर रहा है।
भेडि़ए ने कई भेड़ो को मार डाला इससे लड़के को अपने किए पर बड़ा दुख हुआ।
शिक्षा -झूठे आदमी की सच्ची बातो पर भी लोग विश्वास नही करते।