गंगा-जन्म की कथा – 1

गंगा-जन्म की कथा - 1
गंगा-जन्म की कथा – 1 ऋषि विश्वामित्र ने कहा, वत्स राम! तुम्हारी ही अयोध्यापुरी में सगर नाम के एक राजा ...
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नुष यज्ञ के लिये प्रस्थान

नुष यज्ञ के लिये प्रस्थान
नुष यज्ञ के लिये प्रस्थान ऋषि विश्वामित्र ने बताया, हे राम! जनक मिथिलापुरी के राजाओं की उपाधि है जो चिरकाल ...
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मारीच और सुबाहु का वध

मारीच और सुबाहु का वध
मारीच और सुबाहु का वध दूसरे दिन ब्राह्म मुहूर्त में उठ कर तथा नित्यकर्म और सन्ध्या-उपसना आदि निवृत होकर राम ...
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विश्वामित्र का आश्रम

विश्वामित्र का आश्रम
विश्वामित्र का आश्रम चलते चलते वे वन के अन्धकार से निकल कर ऐसे स्थान पर पहुँचे जो भगवान भास्कर के ...
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अलभ्य अस्त्रों का दान

अलभ्य अस्त्रों का दान
अलभ्य अस्त्रों का दान मार्ग में एक सुरम्य सरोवर दृष्टिगत हुआ। सरोवर के तट पर रुक कर विश्वामित्र कहा, हे ...
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ताड़का वध

ताड़का वध
ताड़का वध स्त्री के रूप में ताड़का एक घोर पाप है और पाप को नष्ट करने में कोई पाप नहीं ...
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कामदेव का आश्रम

कामदेव का आश्रम
कामदेव का आश्रम दूसरे दिन ब्राह्म-मुहूर्त्त में निद्रा त्याग कर मुनि विश्वामित्र तृण शैयाओं पर विश्राम करते हुये राम और ...
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विश्वामित्र का आगमन

विश्वामित्र का आगमन
विश्वामित्र का आगमन अयोध्यापति महाराज दशरथ के दरबार में यथोचित आसन पर गुरु वशिष्ठ, मन्त्रीगण और दरबारीगण बैठे थे। अयोध्यानरेश ...
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राम का जन्म

राम का जन्म
राम का जन्म मन्त्रीगणों तथा सेवकों ने महाराज की आज्ञानुसार श्यामकर्ण घोड़ा चतुरंगिनी सेना के साथ छुड़वा दिया। महाराज दशरथ ...
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बालकाण्ड- कथा प्रारम्भ

बालकाण्ड- कथा प्रारम्भ
  बालकाण्ड- कथा प्रारम्भ वैवस्वत मनु ने की थी, पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित है। सुन्दर एवं समृद्ध ...
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