खुशी वहीं पर है जहां मन प्रसन्न हो
खुशी वहीं पर है जहां मन प्रसन्न हो एक बुढ़िया थी जिसके एक पुत्र था। दोनों ही निर्धन थे और ...
Read moreघास में गुड़िया
घास में गुड़िया एक राजा था। उसके बारह बेटे थे। जब वे बड़े हो गए, तब राजा ने उनसे कहा ...
Read moreचार आने का हिसाब
चार आने का हिसाब बहुत समय पहले की बात है , चंदनपुर का राजा बड़ा प्रतापी था , दूर-दूर तक ...
Read moreसुकरात और आईना
सुकरात और आईना दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आईना हाथ मे लिए अपना ...
Read moreउपयुक्त समय
उपयुक्त समय अमावस्या का दिन था। एक व्यक्ति उसी दिन समुद्र-स्नान करने के लिए गया, किन्तु स्नान करने के बजाय ...
Read moreचार मोमबत्तियां
चार मोमबत्तियां रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां ...
Read moreमौत का सौदागर
मौत का सौदागर 1888 की बात है, एक व्यक्ति सुबह-सुबह उठ कर अखबार पढ़ रहा था , तभी अचानक उसकी ...
Read moreरौशनी की किरण
रौशनी की किरण रोहित आठवीं कक्षा का छात्र था। वह बहुत आज्ञाकारी था, और हमेशा औरों की मदद के लिए ...
Read moreपंडित जी और नाविक
पंडित जी और नाविक आज गंगा पार होनेके लिए कई लोग एक नौकामें बैठे, धीरे-धीरे नौका सवारियों के साथ सामने ...
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