मटके में मुंह
मटके में मुंह एक बार महाराज कॄष्णदेव राय किसी बात पर तेनालीराम से नाराज हो गए। गुस्से में आकर उन्होंने ...
Read moreबिल्ली के लिए गाय
बिल्ली के लिए गाय एक बार की बात है, बहुत सारे चूहों ने विजयनगर के लोगों को परेशान कर रखा ...
Read moreबाबापुर की रामलीला
बाबापुर की रामलीला हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक-मण्डली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कॄष्णदेव राय तथा ...
Read moreबहुरूपिया राजगुरु
बहुरूपिया राजगुरु तेनालीराम के कारनामों से राजगुरु बहुत परेशान थे। हर दूसरे-तीसरे दिन उन्हें तेनालीराम के कारण नीचा देखना पड़ता ...
Read moreपाप का प्रायश्चित
पाप का प्रायश्चित तेनाली राम ने जिस कुत्ते की दुम सीधी कर दी थी, वह बेचारा कमजोरी की वजह से ...
Read moreपरियों से भेंट
परियों से भेंट एक बार विजयनगर के राज दरबार में एक यात्री राजा कॄष्णदेव राय से मिलने के लिए आया। ...
Read moreपकड़ी चोरी
पकड़ी चोरी एक बार राजा कृष्णदेव राय के राज्य विजयनगर में लगातार चोरी होनी शुरू हुई। सेठों ने आकर राजा ...
Read moreनाई की उच्च नियुक्ति
नाई की उच्च नियुक्ति शाही नाई का कार्य प्रतिदिन राजा कॄष्णदेव राय की दाढी बनाना था। एक दिन, जब वह ...
Read moreतेनालीराम बने महामूर्ख
तेनालीराम बने महामूर्ख विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाते थे। इस अवसर पर हास्य-मनोरंजन ...
Read moreतेनालीराम की घोषणा
तेनालीराम की घोषणा एक बार राजा कृष्णदेव राय से पुरोहित ने कहा, ‘महाराज, हमें अपनी प्रजा के साथ सीधे जुड़ना ...
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