जैसे को तैसा

जैसे को तैसा
जैसे को तैसा लोमड़ी के कारनामों से भरपूर हमने अनेक कहानियाँ पढ़ी हैं। लोमड़ी हमेशा कुछ- न – कुछ बुरा ...
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नमक हराम

नमक हराम
नमक हराम काशी नरेश ब्रह्मदत्त का पुत्र बचपन से ही दुष्ट स्वभाव का था। वह बिना कारण ही मुसाफिरों को ...
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अढ़ाई दिन की बादशाहत

अढ़ाई दिन की बादशाहत
अढ़ाई दिन की बादशाहत बक्सर के मैदान में एक बार हुमायूँ और शेरशाह सूरी का घमासान युद्ध चल रहा था। ...
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आता हो तो हाथ से न दीजिए

आता हो तो हाथ से न दीजिए
आता हो तो हाथ से न दीजिए किसी व्याध ने जंगल में एक तीतर फँसाया। तीतर ने सोचा-यह पापी मेरी ...
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आओ मियाँजी, छप्पर उठाओ

आओ मियाँजी, छप्पर उठाओ
आओ मियाँजी, छप्पर उठाओ एक मियाँजी यात्रा करते हुए गाँव के किसी किसान के घर रुक गए। मियाँ बातें बनाने ...
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अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी, टके सेर खाजा

अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी, टके सेर खाजा
अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी, टके सेर खाजा काशी-तीर्थयात्रा की वापसी में एक गुरु और शिष्य किसी नगरी ...
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बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे

बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे
बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? बचपन में बाबा एक कहावत कहते थे, “बिल्ली के गले में घंटी कौन ...
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इक्के दुक्के का अल्ला बेली

इक्के दुक्के का अल्ला बेली दिल्ली से कोई दस मील दूर फरीदाबाद शहर के रास्ते में एक नाला था। बहुत ...
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लेना एक न देना दो

लेना एक न देना दो
लेना एक न देना दो एक पोखर के पास एक मोर और कछुआ साथ साथ रहते थे। मोर पेड़ पर ...
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एक चुप सौ सुख

एक चुप सौ सुख
एक चुप सौ सुख एक जमीदार था, एक उसकी घर वाली थी। घर मे दो जने ही थे। जमीदार खेत ...
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