किस्मत कनेक्शन – 2

नहाने और साफ कपड़े पहनने के बाद पता चल रहा था कि खूबसूरती में वो किसी से भी कम नहीं थी और रोहित के कपड़े में बहुत क्यूट लग रही थी। रोहित के दिमाग में तान्या को जलाने का एक आइडिया आ गया था पर मुख्य परशानी इस लड़की को तैयार करना था। डिनर के दौरन रोहित ने उससे काफी बात की। जब डिनर हो गया तो उस लड़की ने रोहित से पूंछा,

“आप के मम्मी, पापा कहीं बाहर गए हुए हैं क्या?”

“नहीं वो विदेश में रहते हैं मेरे साथ नहीं रहते”। रोहित की आवाज़ में तल्खी स्पष्ट रूप से महसूस की जा सकती थी।

“फिर आप क्यों अकेले रहते हैं। आप भी उनके पास क्यों नहीं चले जाते हैं” लड़की ने मासूमियत से पूंछा।

“क्यों कि मैं उनके पास जाना नहीं चाहता।”

“क्यू भला। आप कितने लकी हो कि आप के माता पिता है और आप खुद उनसे दूर हो”

“मैं उन दोनो को देखना भी नहीं चाहता उनके साथ रहना तो दूर की बात है। लकी वो हैं जो मुझसे दूर हैं। जब मुझे उन लोगों की जरूरत थी तो वो लोग अपनी जिंदगी में डूबे हुए थे , वे भूल ही गए थे कि उनका एक लड़का भी है । जो उनके प्यार और देखभाल के लिए तरस रहा है, अब तो मै उन दोनो की शकल भी भूल गया हूं “।

रोहित का गला रुंध गया था। लड़की ने और कुछ भी नहीं पूछा । रोहित ने जब उसे डरी हुई देखा तो खामोशी को तोड़ते हुए बोला,

“वैसे तुम्हारा नाम क्या है?”

“परी”

“वाह अच्छा नाम है यार”

“हम्म अनाथालय वाली आंटी ने दिया था ये नाम मुझे जब उनको मिली थी तब से सभी मुझे परी ही बुलाते हैं”। परी की आंखों में दर्द था।

“मम्मी पापा तुम्हारे?”

“किसी ने नहीं देखा मुझे कौन फेंक गया था अनाथालय के दरवाजे पर। कोई कहता है मैं किसी का पाप हूं तो कोई कहता है किसी बेबस मां की मजबूरी। खैर आदत पड़ गई है अब तो मुझे।”

“चलो जाओ सो जाओ कल तुमको छोड़ दूंगा तुम्हारे एड्रेस पर। वैसे क्या मेरी एक हेल्प करोगी?” रोहित के चेहरे पर डर था।

“आप ने बहुत बड़ा एहसान किया है सर आप तो बस ऑर्डर दीजिए मुझे”। परी ने हाथ जोड़ कर पूरे जोश में रिप्लाई किया।

“एक रात के लिए मेरी gf बनोगी?”

“jjjiiiiiiiiii….. मुझे माफ कर दीजिए मैं वैसी लड़की नहीं हूं सर.. आप मुझे गलत समझ रहे हैं.. मैं आप के सारे पैसे चुका दूंगी, मुझे जाने दीजिए प्लीज। इज्ज़त के सिवा कुछ नहीं है मेरे पास” परी वापस रोने लगी।

“यार तुम तो बहुत डरपोक हो। अरे पहले मेरी पूरी बात तो सुनो। मैं भी कोई आदमखोर, दरिंदा नहीं हूं। दरसल मेरी पहले से ही प्रेमिका है तानिया। पर उसको जलाने के लिए सिर्फ एक पार्टी के लिए मुझे तुम्हारी मदद चाहिए, क्योंकि उसे मेरे प्यार की कद्र नहीं है”। रोहित ने सारी बात परी को बताई।

“पर कहां आप बड़े लोग और कहां मैं। मुझे तो आप लोगों की सोसाइटी में बोलने तक की तमीज नहीं। सभी को एक पल में पता लग जाएगा कि मैं क्या हूं। नहीं ऐसे तो आप की और इंसल्ट हो जाएगी” परी अपनी बात बोल कर किसी सोच में पड़ गई।

“तुम हाँ तो बोलो बाकी सब मेरा काम” रोहित की आंखें चमक उठी थी।

“इतना आसान नहीं है सर”

“बहुत आसान है बस तुम एक बार हाँ तो बोल दो” रोहित ने परी को हौसला दिलाया।

“मुझे बहुत डर लग रहा है।”

“परी प्लीज मेरी हेल्प कर दो मैं तुमको 1 लाख रुपये दूंगा।” रोहित ने परी की जरूरत पर वार किया।

“नहीं बात पैसे की नहीं है”

“नौकरी चाहिए”

“आप गलत समझ रहे हैं। मैं आपसे कीमत नहीं मांग रही बस खुद को आप के काम की कसौटी पर परखने की कोशिश कर रही हूं” परी वाकई बहुत
नर्वस थी।

“कोई बात नहीं रहने दो तुमको मजबूर नहीं करूंगा। कोई बात नहीं वैसे भी मेरी बेइज्जती हो भी जाए तुमको क्या फर्क पड़ेगा।” रोहित ने आखिरी चाल चली ।

“ओके ओके सर मैं करूंगी आपकी हेल्प , बताइए मुझे क्या करना होगा” परी आ ही गई रोहित की बातों में।

रोहित की तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। वो परी का हाथ पकड़ कर डांस करने लगा। रात काफी हो चुकी थी। परी को रोहित ने सोने भेजा पर वो खुद आने वाले दो दिनों में परी के हुलिया और लुक को बदलने की प्लानिंग करने लगा। शॉपिंग, लक्मे सैलून के अलावा पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए भी उसने स्पेशलिस्ट खोज निकाला । जैसे जैसे प्लान कर रहा था रोहित की आंखें तानिया के उतरे चेहरे को देखने के लिए तड़पने लगी थी।

सुबह जब परी सोकर उठी तो रोहित पहले से ही उठ चुका था। उसने नाश्ता बना कर टेबल पर सजा कर रख दिया था । परी जब तैयार होकर आई तो वो बहुत भुखी थी पर यहां का तो मंजर ही अलग था। भुखे पेट 1 घंटा उसे टेबल मैनर्स सीखना पड़ा। शुरू में तो परी को इरिटेशन हो रही थी लेकिन बाद में मजा आने लगा। नाश्ता करने के बाद रोहित और परी मॉल पहुंच गए जहां पर परी ने खूब शॉपिंग की लेकिन रोहित ने परी की साड़ी शॉपिंग को हटा दिया और खुद परी के लिए शॉपिंग शुरू की। परी मिनी स्कर्ट और शॉर्ट्स को देख कर खौफ़जदा हो रही थी जबकि रोहित कपड़ो की रैक से और भी वैसे ही कपड़े ला रहा था।