चतुर बीरबल

चतुर बीरबल

एक दिन अमीर आदमी बीरबल के पास आया। उसने बीरबल से कहा, “मेरे यहाँ सात नौकर हैं। उनमे से किसी ने मोतियो से भरा मेरा बटुआ चुरा लिया है। कृपया आप मेरी मदद कीजिए। और उस चोर को खोज निकालिए।”

बीरबल उस अमीर के घर गए। उन्होने सातो नौकरो को एक कमरे मे बुलाकर कहा, “देखो! मेरे पास सात जादुई छडि़याँ है। इस समय इन सभी छडि़यो की लम्बाई समान है। मैं तुममे से हर एक को एक एक छड़ी देता हूँ। तुममे से जिसने चोरी की होगी उसकी छड़ी बढ़ जाएगी।”

जिस नौकर ने बटुआ चुराया था वह बीरबल की बात सुनकर बहुत भयभीत हो गया। उसने सोचा! “मैं अपनी छड़ी काटकर एक इंच छोटी कर देता हूँ। तो बच जाऊँगा!” अंत में उसने अपनी छड़ी काटकर एक इंच छोटी कर दी अगले दिन बीरबल ने एक एक कर सातो नौकरो की छडि़याँ देखी। उनमे से एक की छड़ी एक इंच छोटी थी बीरबल उसकी ओर उगँली से इशारा करते हुए बोले, ये रहा चोर! यह सुनते ही उस नौकर ने अपना अपराध स्वीकार किया उसने मोतियों से भरा बटुआ अपने मालिक को लौटा दिया। फिर उसे जेल भेज दिया गया।गया।