ब्राह्मणत्व की प्राप्ति
ब्राह्मणत्व की प्राप्ति वार्ता जारी रखते हुए शतानन्दजी ने कहा, हे रामचन्द्र! देवताओं के चले जाने के बाद विश्वामित्र ब्राह्मणत्व …
ब्राह्मणत्व की प्राप्ति वार्ता जारी रखते हुए शतानन्दजी ने कहा, हे रामचन्द्र! देवताओं के चले जाने के बाद विश्वामित्र ब्राह्मणत्व …
त्रिशंकु की स्वर्गयात्रा इक्ष्वाकु वंश में त्रिशंकु नाम के एक राजा हुये। त्रिशंकु की इच्छा सशरीर स्वर्ग जाने की थी …
विश्वामित्र का पूर्व चरित्र राम से मिथिला के राजपुरोहित शतानन्द जी विशेष रूप से प्रभावित हुये। शतानन्द जी ने कहा, …
अहल्या की कथा प्रातःकाल राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले। …
जनकपुरी में आगमन दूसरे दिन ऋषि विश्वामित्र ने अपनी मण्डली के साथ प्रातःकाल ही जनकपुरी के लिए प्रस्थान किया। चलते …
गंगा-जन्म की कथा – 1 ऋषि विश्वामित्र ने कहा, वत्स राम! तुम्हारी ही अयोध्यापुरी में सगर नाम के एक राजा …
नुष यज्ञ के लिये प्रस्थान ऋषि विश्वामित्र ने बताया, हे राम! जनक मिथिलापुरी के राजाओं की उपाधि है जो चिरकाल …
मारीच और सुबाहु का वध दूसरे दिन ब्राह्म मुहूर्त में उठ कर तथा नित्यकर्म और सन्ध्या-उपसना आदि निवृत होकर राम …
विश्वामित्र का आश्रम चलते चलते वे वन के अन्धकार से निकल कर ऐसे स्थान पर पहुँचे जो भगवान भास्कर के …
अलभ्य अस्त्रों का दान मार्ग में एक सुरम्य सरोवर दृष्टिगत हुआ। सरोवर के तट पर रुक कर विश्वामित्र कहा, हे …