बार टेंडर
एक आदमी बार में जाता हैं. बार टेंडर के पास जाता हैं और उससे कहते हुए जोर जोर से चिल्लाता है – “अरे मैं तो करोडपति बन गया . खुशिया मनाओ , मुझे भी पिलाओ सबको पिलाओ … और तुम भी पियो “
बार टेंडर को लगता हैं सही बात हैं , ये तो ख़ुशी में सबको पीला रहा हैं . पूरे बार में सभी को मुफ्त पिलाया जाता हैं … उस आदमी को पिलाया जता है .. और बार टेंडर भी छक के पीता हैं ..
बाद में वो आदमी खड़ा होता है और जाने लगता है, बार टेंडर कहता है – “कहा चले श्रीमान ! सत्रह हज़ार सात सौ सतहत्तर का बिल तो देते जाएँ !”
“मेरे पास कोई पैसे नहीं है “ वो आदमी बोला .
बार टेंडर को बहुत गुस्सा आया – वो उसे ताबड़तोड़ मारने पीटने लगा .. बाद में उसको धक्के मार के बाहर फेंक दिया ..
कुछ दिन बीते एक शाम वो आदमी फिर से आया और जोर जोर से चिल्लाने लगा – “अरे मैं तो करोडपति बन गया . खुशिया मनाओ , मुझे भी पिलाओ सबको पिलाओ … और तुम भी पियो “
बार टेंडर को लगा हो ना हो ये आज पैसे ले के आया है ..
सबने छक के पीया उस आदमी और बार टेंडर ने ते जाम लड़ा लड़ा के पीया …
जब बिल देने को बार टेंडर ने कहा तो वो आदमी फिर से बोला – “मेरे पास तो कोई पैसा वैसा नहीं है .. “
बार टेंडर ने पिछली बार से दुगने जोर से उसकी मार कुटाई की .. मारते मारते वो खुद घायल हो गया . बाद में उस आदमी को उठा कर बहार फिकवा दिया ..
कुछ दिन बीतने पर वो आदमी फिर से बार में आया. उसको देखते ही बार टेंडर चौकन्ना हो गया .
वो बार टेंडर के पास आकर जोर जोर से चिल्लाने लगा – “अरे मैं तो करोडपति बन गया . खुशिया मनाओ , मुझे भी पिलाओ सबको पिलाओ … हाँ .. मुझे और सबको पीलाओ .. “ .. ये कहकर वो बार का टेबल बजाने लगा ..
बार टेंडर – “तुम्हे पीलाऊ और बार में आये सब गेस्ट्स को पीलाऊ ?”
आदमी – “हाँ … “
बार टेंडर – “आज आप मुझे नहीं पिलायेंगे …!??”
आदमी – “नहीं …”
बार टेंडर – “क्यू ??”
आदमी – “वो क्या है ना .. सबकी बात ठीक है …पर पीने के बाद तुमको होश रहता नहीं और टुन्न होके तुम मार पीट करने लगते हो ..”
बार टेंडर बेहोश हो गया ..