राघव- ठीक है डेयर लिया बताओ क्या करना है
राघव ने सपाट चेहरे से पूछा वही शेखर की मुस्कान हट ही नहीं रही थी और अब आने वाला था मजा….
शेखर- पक्का ना? देखो सिर्फ डेयर चुनने से कुछ नहीं होता उसे पूरा भी करना होता है पता है ना ?
राघव- और तू मुझे अच्छे से जानता है के राघव देशपांडे पीछे हटने वालों मे से नहीं है
शेखर- ठीक है फिर आप यही चाहते है तो आपका डेयर ये है के……………… किस भाभी!
शेखर ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही राघव और अनुपमा चौक के उसे देखने लगे
विवेक- ओहोहों ब्रो यू रॉक मैन
विवेक श्वेता और रिद्धि भी अब शेखर के साइड थे और राघव और अनुपमा दोनों ही जानते थे के शेखर ने ये डेयर जान बुझ के दिया है
राघव- शेखर!
राघव ने शेखर को घूर के देखा
शेखर- बस निकल गई हवा, बोला था नहीं कर पाओगे, अरे यार भाई ऐसे पार्टी खराब मत करो यार एक किस ही तो है और ऐसा भी नहीं है के आप ये पहली बार कर रहे हो, कम ऑन ब्रो हज़बन्ड वाइफ हो आप तो ये तो कॉमन है या कभी आपने कुछ किया ही नहीं… यू नो….
शेखर ने मासूम बनते हुए कहा
राघव- ये सही नहीं है शेखर!
राघव अब भी उसे घूर रहा था
श्वेता- इसमे क्या गलत है ये तो नॉर्मल है…
रिद्धि- हा एकदम सही इसमे तो सब नॉर्मल है और ऐब्नॉर्मल तब होता जब आपने ये कभी किया ही ना होता
रिद्धि फ़्लो मे बोले जा रही थी क्युकी असल बात उसे पता ही नहीं थी और राघव और अनुपमा बड़ी आंखो से बस उन्हे देख रहे थे
शेखर- क्या हुआ? डर गए?
राघव- हट्ट बे!
शेखर- डर तो है
राघव- बोला न मैं नहीं डरता
विवेक- देन कम ऑन भाई गो अहेड एण्ड किस हर, ऐसा तो नहीं है के वो कोई अजनबी है शी इस योर वाइफ
विवेक ने कहा और राघव ने अनुपमा को देखा जो उसे ही देख रही थी
राघव कुछ देर अनुपमा को देखता रहा फिर वहा मौजूद लोगों को देखा और अब वो समझ चुका था के अपन ने उड़ता तीर ले लिया है और अब वापिस पलटने का कोई चांस ही नहीं है डेयर तो उसे पूरा करना ही पड़ेगा
राघव अपनी जगह से उठा और धीरे धीरे अनुपमा की ओर बढ़ा जो उसे देख के नर्वस हो रही थी और धीरे धीरे उसे देखते हुए थोड़ा थोड़ा पीछे सरक रही थी
राघव को अनुपमा की ओर बढ़ता देख कर वो चारों हूटिंग करने लगे, रिद्धि और विवेक ने बाजू मे सरक ने अनुपमा की ओर बढ़ते राघव के लिए थोड़ी जगह बनाई ताकि वो वहा बैठ सके
घटती घटनाओ को देखते हुए अनुपमा का गला सुख रहा था और उसकी आवाज तो उसका साथ कब का छोड़ चुकी थी, उसे एसी मे भी पसीना आने लगा था और सास तो उसकी बढ़ी हुई ही थी, राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी वो भी वही फ़ील कर रहा था जो अनुपमा को फ़ील हो रहा था, नर्वस तो वो भी था
‘यार इसके पास आते ही नजाने क्यू मेरी धड़कने बढ़ने लगती है’ अनुपमा के करीब आते ही राघव के मन मे खयाल आया
राघव अनुपमा के पास आया और उस नजदीकी को ना झेल पाते हुए अनुपमा ने अपनी आंखे बंद कर ली
‘हे भगवान ये क्या कर रहे है!!” अनुपमा मन ही मन चीखी
श्वेता और शेखर ने एकदूसरे को देख एक विजयी मुस्कान दी…
राघव अनुपमा के पास सरक कर बैठ गया तभी उसकी नजर उसके बाजू मे पड़ी अनुपमा की चुनरी पर गई और उसने कुछ सोच के अनुपमा को देखा, उसने वो चुनरी उठाई और अपने और अनुपमा के सर पर डाल ली जिससे उनके सर से लेके कंधों तक का भाग ढक गया, उसने अपना सर अनुपमा के सर से लगाया और अपनी गर्दन थोड़ी सी घुमाई जिससे अनुपमा ने अपनी आंखे खोल दी,
बाहर से देखने वालों को ऐसा ही लग रहा था के वो दोनों किस कर रहे है लेकिन अंदर वो दोनों बस एकदूसरे की आँखों मे खोए हुए थे, वही सब लोग उनके लिए चीयर कर रहे थे
अचानक राघव ने अनुपमा का बाया हाथ पकड़ा जिससे वो सिहर उठी और वो हाथ उसने अपनी गर्दन पर रख दिया और इसमे उसने अपनी नजरे अनुपमा की नजरों से बराबर मिलाई हुई थी वही अनुपमा ने शर्मा कर अपनी पलके झुका ली, वो अपने पूरे चेहरे पर राघव की साँसों को महसूस कर सकती थी
कुछ समय बाद राघव बोला
राघव- चलो सब निकलो अब मुझे मेरी वाइफ के साथ थोड़ी प्राइवसी चाहिए
राघव अनुपमा को देखते हुए अपने भाई बहनों से बोला जिससे अनुपमा उसे घूर के देखने लगी
शेखर- हाओ हाओ, मुझे लगता है अपने को चलना चाहिए अब, भाई आप कन्टिन्यू करो
शेखर के इतना बोलते ही वो सब लोग मुसकुराते हुए वहा से निकल गए लेकिन राघव अब भी अनुपमा की आँखों मे ही खोया हुआ था
राघव- जाते टाइम दरवाजा बंद करके जाना
राघव ने थोड़ा जोर से कहा ताकि वो लोग सुन सके वही इससे अनुपमा और ज्यादा नर्वस हो गई और शर्मा ने लगी
राघव- क्या हुआ मिसेस देशपांडे? इतनी शर्म अचानक से?
राघव ने अपनी डीप आवाज मे पूछा वही अनुपमा की मुस्कान छुपाये नहीं छुप री थी उसने चुनरी से अपना चेहरा छुपा लिया बदले मे राघव भी हसा और उसने ऐसे हसते देख अनुपमा ने चौक के उसे देखा क्युकी ये तो रेयर मोमेंट था,
राघव- क्या?
अनुपमा- वो… आप
राघव- अरे अब क्या मैं हस भी नहीं सकता क्या
अनुपमा- नहीं वो बात नहीं है वो मैंने आपको कभी ऐसे हसते नहीं देखा न तो…
अनुपमा वापिस नर्वस होने लगी थी और राघव के रिएक्शन से तो वो वैसे ही थोड़ा डरती थी क्या पता इसका मूड कब बदल जाए
लेकिन इस बार राघव कुछ नहीं बोला बस उसे देखता रहा ‘अभी तो तुमने राघव को जाना ही नहीं है लेकिन जान जाओगी’
अनुपमा- मुझे…. मुझे लगता है मुझे अब जाना चाहिए
अनुपमा से अब वहा राघव की नजरों के सामने नहीं बैठा जा रहा था तो वो वहा से जाने के लिए उठी ही थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया, अनुपमा का दिल जोरों से धडक रहा था
राघव- मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई है
राघव ने उसे वापिस अपने सामने बैठा लिया, अनुपमा बैठे बैठे अपनी साड़ी के पल्लू से खेलने लगी लेकिन वो राघव की तरफ नहीं देख रही थी
राघव- वो शेखर जो कह रहा था क्या वो सच है? तुम सही मे मुझे राक्षस बुलाती हो?
राघव ने पूछा और अनुपमा ने एकदम उसे देखा
अनुपमा- नहीं! नहीं तो वो तो शेखर उस टाइम मजाक कर रहा था मैं ऐसा थोड़ी कह सकती हु आपको
अनुपमा ने जोर ने ना मे मुंडी हिलाते हुए किसी बच्चे की तरह कहा
राघव- अच्छा! नही वो मैंने परसो सुबह नींद मे किसी को रावण बुलाते हुए सुना था, वो कौन था फिर??
राघव ने मासूमियत से पूछा वही अनुपमा को पता चल गया के चोरी पकड़ी गई है
अनुपमा- जी वो… असल मे…
अनुपमा अब थोड़ा डर रही थी उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था के राघव ने उस दिन वो सुन लिया होगा और अब राघव क्या बोलेगा इस बारे मे वो सोचने लगी वही राघव अपनी मुस्कान छुपाते हुए अनुपमा के मजे ले रहा था, अनुपमा से कुछ बोलते नहीं बन रहा था और जब वो कुछ बोलने ही वाली थी के तभी उन दोनों को नीचे से किसी के चिल्लाने का आवाज आया, किसी एक का नहीं बल्कि कई लोग एकसाथ चिल्लाए थे,
उस आवाज ने उनका ध्यान अपनी ओर खिच लिया था और क्या हुआ है ये देखने के लिए वो लोग जल्दी से नीचे भागे और वहा जो उन्होंने देखा वो उन्हे शॉक करने के लिए काफी था…