अनुपमा – 24

 

शेखर और श्वेता की लव स्टोरी सब चुप होकर सुन रहे थे रिद्धि और विवेक को तो खासा इंटेरेस्ट था इसमे वही अनुपमा सब पहले से जानती थी

रिद्धि- कितने क्यूट हो यार आप दोनों

विवेक- ब्रो! चरण कहा है आपके प्रभु ऐसे कुछ टिप्स हमे भी दे दो यार हम भी सीख ले कुछ आपसे

विवेक ने शेखर के पैरों मे गिरते हुए कहा

शेखर- जाओ बे पढ़ाई करो पहले

विवेक- वाह! आप करो तो रास लीला और हम बोले तो कैरिक्टर ढीला हूह!

रिद्धि- अरे छोड़ो अब अगला कौन

विवेक- कौन क्या श्वेता भाभी के बाद शेखर भाई और कौन, हा शेखर भाई ट्रुथ या डेयर ?

शेखर- डेयर, मर्द लोग हमेशा डेयर लेते है

राघव- ओके मर्द चल नाच के दिखा फिर

राघव की बात सुन शेखर हसने लगा

शेखर- अरे इतना आसान डेयर

लेकिन राघव एक शैतानी मुस्कान लिए उसे देख रहा था और फिर राघव ने रिद्धि और विवेक को देखा और विवेक समझ गया

विवेक – न न नाचोगे आप लेकिन गाना हम बजाएंगे समझे

और रिद्धि अपने फोन पर गाना बजाने रेडी हो गई वही राघव अपनी जगह से उठा और अलमारी के पास गया और उसमे से उसने अनुपमा की चुनरी निकाली और शेखर के मुह पर दे मारी वही शेखर उसे कन्फ्यूजन मे देखने लगा

राघव- हा भाई मर्द अब इसको ओढ़ और ठुमक के दिखा और पूरी अदाओ के साथ नाचना है

और जैसे ही रिद्धि ने गाना बजाया सबकी हसी छूट गई

शेखर- सही नहीं हो रहा है ये भाई ऐसा मत करो यार ये गाना मत बजाओ

राघव- या तो नाच के दिखा या अभी मेरे अकाउंट मे 5 लाख भेज दे चॉइस तेरी है

अब शेखर समझ गया था के बचने का कोई चांस नहीं है और राघव के साथ बहस करने का तो कोई मतलब नहीं है

शेखर- भाभी सही कहती है राक्षस हो आप

शेखर ने जैसे ही ये कहा अनुपमा जो अब तक हस रही थी एकदम चुप हो गई और उसने झटके से राघव को देखा

अनुपमा- मैं… मैं कहा से आ गई बीच मे मैंने ऐसा कब कहा ( अनुपमा ने शेखर को देख के कहा फिर राघव से बोली) मैने कसम से ऐसा कुछ नहीं कहा

राघव- उसे मैं बाद मे देख लूँगा तू शुरू हो जा

राघव की बात सुन अनुपमा शकी नजरों से देखने लगि के बाद मे देख लूँगा का क्या मतलब है वही शेखर कोई रास्ता ना बचा देख बेड से उठा और चुनरी को अपने सर पर ओढा, अनुपमा जो राघव की उस लाइन से नर्वस थी अब शेखर को देख रही थी और हस रही थी, शेखर बहुत ही सेक्सी अदाओ से डांस कर रहा था और उसे ऐसे नाचते देख श्वेता की आंखे बाहर आने को थी, इतने सालों के रीलेशन मे उसने शेखर को कभी ऐसे नहीं देखा था शेखर को देख सब हस रहे थे और गाना बज रहा था

आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली में रे
आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली में रे
आ रे प्रीतम प्यारे
सब आग तो मेरी चोली में रे
ज़रा हुक्का उठाज़रा चिलम जला
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
हो हो हो हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो

जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो
कंवले कवारों का चेहरा खिले
हाय मैं आँख मारूँ
तो नोटों की बारिश हो
लख जो हिला दूँतो जिल्ला हिले
जिल्ला हिले
हिले हिले हिले हिले जिल्ला हिले
हिले हिले हिले हिले जिल्ला हिले
हिले हिले हिले
ज़रा तूती बजा
ज़रा ठुमका लगा
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
हो हो हो हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो

शेखर सबको अपने डांस मूव्स दिखा रहा था जो की काफी फनी थे और जैसे ही गाना खतम हुआ शेखर ने झट से चुनरी हटाई और बेड पर अपनी जगह आकर बैठ गया।

श्वेता- ऑ शेरी बेबी क्या मस्त डांस किया है

श्वेता ने शेखर के गाल खिचते हुए कहा

विवेक- ब्रो रीस्पेक्ट! तुमने तो उस ऐक्ट्रिस से भी बढ़िया डांस किया है

शेखर- हा ठीक है अब अगला कौन

रिद्धि- अनुपमा भाभी और कौन

रिद्धि ने कहा और अनुपमा नर्वसली मुस्कुराई वही बाकी सब उसे ऐसे देख रहे है मानो सोच रहे हो के अभी मजा आएगा ना भिडू

रिद्धि- भाभी ट्रुथ या डेयर?

अनुपमा- ट्रुथ

विवेक- हा भाई सब शांत मैं पूछूँगा सवाल, हा तो माइ डिअर भाभी उस दिन जब हम सब लोग ऐसे ही इसी कमरे मे बकैती कर रहे थे तब आपने हमे उस इंसान के बारे मे बताया था जो आपको पसंद करता था तो अब गौर से सुनिए के अब उसके बारे मे जरा बताइए जीसे आप पसंद करती थी!

विवेक ने फुल नौटंकी के साथ कहा और उसका सवाल सुन राघव अपनी जगह पर सीधा बैठ गया, अनुपमा ने एक बार राघव को देखा जो उसके साथ आय कॉन्टैक्ट अवॉइड कर रहा था और फिर वो बोली

अनुपमा- वेल ऐसा कोई मेरा क्रश तो नहीं था लेकिन हा एक सेलिब्रिटी क्रश था और मुझे ना कहानियों के किरदार अच्छे लगते है इतने के उनसे प्यार हो जाए, एक टाइम पर तो मुझे हैरी पॉटर पर क्रश था

रिद्धि – अरे यार भाभी ऐसे थोड़ी होता है वो लोग रियल थोड़ी होते है रियल बताओ ना कुछ

अनुपमा- जो है वो ये है मुझे तो यही पसंद है

अनुपमा ने खयालों मे खोते हुए कहा वही राघव बस उसे देख रहा था

अनुपमा- कभी कभी कहानियों के किरदार ना असल लोगों से अच्छे होते है और मुझे मेरे ड्रीम कैरिक्टर जैसा कभी कोई मिला ही नहीं

विवेक- मिला नहीं मतलब तो भाभी आप ये कहना चाहती है के मेरा भाई अट्रैक्टिव नहीं है?

विवेक ने अनुपमा को चिढ़ाते हुए कहा जिसपर अनुपमा से कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था

अनुपमा- नहीं!

रिद्धि- नहीं मतलब आपको राघव भईया अट्रैक्टिव नहीं लगते

अब रिद्धि भी अनुपमा को चिढाने लगी

अनुपमा- हा…. मतलब… नहीं वो अरे यार तुम लोग ना हर बार ऐसा करते हो मेरा वो मतलब नहीं था मुझे ये कहना था के मैं काल्पनिक किरदारों की बात कर रही हु, मैंने उस टाइम ये सब नहीं किया है तो… अब अगला कौन?

अनुपमा से जब आगे कुछ नहीं बोला गया तो उसने बात बदल दी

अगला नंबर विवेक का था तो भाई ने ट्रुथ को चुना और उससे भी रिद्धि से वही सवाल किया जो अनुपमा से पूछा गया था विवेक से उसकी क्रश के बारे मे पूछा तो उसने शर्मा के कहा के उसे उसकी एक टीचर पे क्रश था जीसे सुन सब उसे ऐसे देखने लगे जैसे वो कोई भूत हो, अब कॉलेज जाने वाले लौंडे से इस जवाब की थोड़ी ही किसी को उम्मीद थी

उसके बाद अगला नंबर आया रिद्धि का और रिद्धि ने शेखर की बहन होने का फर्ज निभाते हुए डेयर चुना और डेयर भी उसे शेखर ने दिया और उसे बोला गया के उसकी मा को यानि जानकी जी को वो फोन करके ये बताए के वो एक लड़के को पसंद करती है और रीलेशनशिप मे है और फोन स्पीकर पर रखने बोला गया

रिद्धि ने भी वैसा ही किया लेकिन ये सब तब चौके तक जानकी की चिल्लाई नहीं क्युकी सब को उम्मीद तो ये थी के वो नाराज होंगी या चिलाएंगी लेकिन उलटा वो हसने लगि और बोली के मजाक मत करो और वो जानती है के उनकी बेटी के आस पास विवेक किसी लड़के को फटकने भी नहीं देता होगा कॉलेज मे जीसे सुन विवेक का सीना फूल गया और उतना बोल के उन्होंने फोन काट दिया और अब वहा बस एक शख्स बचा था

रिद्धि- अब राघव भईया की बारी

और राघव का नाम आते ही शेखर के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट खेलने लगी राघव उस स्माइल का मतलब अच्छे से समझता था इसीलिए उसे सेफ खेलने का सोचा

रिद्धि- भईया ट्रुथ या डेयर?

राघव- ट्रुथ

और इसीके साथ शेखर के दिमाग मे बनता प्लान फुस्स… लेकिन वो भी कहा हार मानने वाला था

शेखर- ट्रुथ? अरे यार भाई आप डेयर लो यार ये क्या बच्चों जैसी बात कर दी आपने तो, द ग्रेट राघव देशपांडे ट्रुथ लेगा अब

राघव- हा तो उसमे क्या है

विवेक- छे! भाई आप के जैसे डेयर डेविल को तो डेयर ही लेना चाहिए

शेखर- जाने दे बे विवेक ये डरता है भाई मे वो खतरों के खिलाड़ी वाली बात नहीं रही अब

और बस अब तो इन्होंने राघव के एगो को ललकार दिया था अब वो पीछे नहीं हटने वाला था और अब अपने आप को खतरों का खिलाड़ी प्रूव करने राघव देशपांडे कुछ भी कर सकता था

राघव- ठीक है डेयर लिया बताओ क्या करना है

राघव ने सपाट चेहरे से पूछा वही शेखर की मुस्कान हट ही नहीं रही थी और अब आने वाला था मजा….