सत्यनारायण की पूजा के बाद घर के सभी लोग अब फ्री होकर हॉल मे बैठे बाते कर रहे थे,
रमाकांत- भई आज तो बढ़िया हो गया, घर पर पूजा भी हो गई और कुछ वक्त घर पर बिताने भी मिल गया वरना इन दिनों तो पार्टी का काम ज्यादा बढ़ गया है अगले साल के इलेक्शन की तयारी शुरू हो चुकी है..
धनंजय- एकदम सही कहा आपने भईया वरना हम सब तो बस किसी रोबोट की तरह काम मे उलझ गए है।
धनंजय जी ने भी रमाकांत जी की बात का सपोर्ट किया और उनकी बात सुन सब हसने लगे
शिवशंकर- अरे भई रोबोट से याद आया राघव कहा है पूजा के बाद दिखा ही नहीं वो?
दादू ने राघव को ढूंढते हुए पूछा और अनुपमा को देखा
अनुपमा- वो तो पूजा के बाद ही ऊपर रूम मे चले गए दादाजी
जानकी- हे भगवान क्या करू मैं इस लड़के का, बताओ सब यहा है और वो अकेला अपने कमरे मे
अनुपमा- मै अभी उन्हे बुला लाती हु
अनुपमा बस राघव को बुलाने जाने ही वाली थी के दादी ने उसे रोक दिया
गायत्री- रहने दो बेटा, उसने तो प्रसाद भी नहीं लिया होगा बस वो दे आओ उसे
दादी की बात पर अनुपमा ने हा मे गर्दन हिलाई और वहा से चली गई और उसके जाते ही विवेक अपनी जगह से उठा और सबको देख के बोला
विवेक- तो बड़े लोग आप लोग लगे रहे हम जा रहे ऊपर जरा आज भाई घर पर है तो उसको परेशान करने
रिद्धि- हा हा चलो उस रोबोट को इंसान बनाते है
विवेक और रिद्धि वहा से निकल लिए और उनको जाता देख शेखर भी उनके पीछे हो लिया
शेखर- ओये रुको मैं भी आया
अब श्वेता अकेली वहा बड़े लोगों के बीच खड़ी थी, वो तो ऐसे शेखर के पीछे भी नहीं जा सकती थी छोटी बहु जो थी घर की, अब क्या करना है ना जानते हुए वो वही खड़ी रही
मीनाक्षी- श्वेता तुम भी जाओ हमारे बीच क्या करोगी
मीनाक्षी जी ने श्वेता के मन की बात समझते हुए कहा और वो भी मुस्कुरा कर वहा से निकल गई।
कुछ ही पलों मे ये सब लोग राघव के रूम मे बैठे थे,
विवेक- भाई छोड़ो ना यार उसको…!
विवेक राघव का एक हाथ खिच के उसे उठाने की कोशिश कर रहा था वही राघव सोफ़े पर अपनी नजरे अपने लपटॉप पर गड़ाए हुए था और विवेक के ताकत लगाने पर भी हिल नहीं रहा था, विवेक राघव को वहा से उठाने की कोशिश कर रहा था ताकि वो लोग थोड़ी मजा कर सके लेकिन मजाल है के राघव उनकी बात मान ले अब चूंकि राघव मे विवेक से ज्यादा ताकत थी वो हिल भी नहीं रहा था और तो और वो विवेक की तरफ देख भी नहीं रहा था
रिद्धि- विवेक रहने दो तुमसे नहीं हो पाएगा ऐसा लग रहा जैसे गधा हाथी को खिच रहा है
रिद्धि की बात सुनके शेखर और श्वेता जोर जोर से हसने लगे वही विवेक प्लेन चेहरे से उन्हे घूर रहा था वही राघव भी इनकी बाते सुन मन ही मन मुस्कुरा रहा था और इतने मे ही वहा अनुपमा की एंट्री हुई हाथ मे प्रसाद से भरे कटोरो का ट्रे लिए और आते ही उसकी नजर हसते हुए शेखर श्वेता और रिद्धि पर पड़ी और फिर विवेक पर
अनुपमा- क्या हुआ विवेक?
शेखर- गधे की मजदूरी रंग नहीं लाई भाभी
शेखर ने हसते हुए कहा जिसे सुन रिद्धि और श्वेता वापिस हसने लगे वही अनुपमा कन्फ्यूजन मे उन्हे देख रही थी और विवेक छोटा सा मुह लिए बेड पर जाकर बैठ गया, अनुपमा ने ये बात अपने दिमाग से झटकी और सबको प्रसाद दिया और फिर राघव को देखा
अनुपमा- सब लोग है यहा, उसे बंद करिए और इधर आकर पहले प्रसाद खाइए
अनुपमा ने प्यार से राघव को ऑर्डर देते हुए कहा जिसपर राघव ने भी हा मे गर्दन हिला दी नतिजन शेखर शॉक मे सीधा बैठ गया उसे तो ये भी ध्यान न रहा के उसके हाथ मे प्रसाद का बाउल है लेकिन समय रहते श्वेता ने वो बाउल पकड़ लिया, विवेक जो कभी वापिस खाने को ना मिले ऐसे प्रसाद खा रहा था वो उसके गले मे अटक गया और उसे खासी आ गई और रिद्धि विवेक की पीठ सहलाते फटी आँखों से अपने भाई को देख रही थी
अनुपमा ने उन सब को देखा वही राघव ने अपना लैपटॉप बंद किया और बेड की ओर आने लगा और अपने भाई बहनों मे ऐसे खुले मुह उसने देखे जो उसे घूर रहे थे
राघव- क्या…?
राघव ने अपनी जेब मे हाथ डालते हुए अपनी भवों को उठा के पूछा
रिद्धि- न…. ये हमारा भाई नहीं है
राघव- क्या?!
विवेक- क्या क्या… हम यहा तब से आपको जो बोल रहे है के लैपटॉप बंद करो तब हमारी बात तो सुनी नही और भाभी के एक बार बोलते ही जनाब उठ खड़े हुए… वाह! तालिया! साला अपनी तो जो ना थी वो इज्जत भी डूब गई
विवेक ने रोनी शक्ल बनाते हुए कहा, राघव ने अनुपमा को देखा जो उसे ही देख रही थी फिर वापिस अपने भाई बहन को देखा
राघव- हो गई नौटंकी? वो मेरा काम खतम हो गया तो उठ गया इतना ड्रामा क्या है उसमे
राघव ने बेड पर बैठते हुए प्रसाद का बाउल लेते हुए कहा
शेखर- सही मे ?
शेखर मे मुस्कुरार पूछा लेकिन राघव ने उसे इग्नोर कर दिया और प्रसाद खाने लगा, वो बेचारा जब भी मजे लेने की सोचता इग्नोर ही हो जाता
विवेक- बीवी बीवी होती है भाई अपना क्या है
विवेक ने सर झटकते हुए मजाक मे कहा लेकिन उसकी बात सुन अनुपमा को शर्म आ गई इतने मे रिद्धि बोली
रिद्धि- अरे यार छोड़ो ये बाते और चलो ना कुछ खेलते है ना
श्वेता- लेकिन क्या?
विवेक- उम्म ट्रुथ एण्ड डेयर खेले?
शेखर- हा हा ये खेलते है मजा आएगा
राघव- हम्म तुम लोग खेलों मुझे कुछ काम है मैं वो करता हु
विवेक- अरे यार भईया काम को छोड़ो ना यार आज के दिन कितना समय हो गया ऐसे मजे किए प्लीज भाई अब तो लगता है आप हमको भूल ही गए हो हमारे साथ हो तो लेकिन होकर भी नहीं हो
विवेक ने वापिस अपनी नौटंकी शुरू की और राघव को गेम खेलने पर मजबूर कर ही दिया और राघव वापिस अपनी जगह पर बैठ गया।
अब इनकी पोजिशन ऐसी थी के ये बेड पर सर्कल मे बैठे थे (बहुत बाद पालन था bc ) राघव उसके बाजू मे रिद्धि उसके बाद विवेक, अनुपमा, शेखर और फिर अंत मे श्वेता
रिद्धि- अब हमारे पास बोतल तो है नहीं तो वन बाय वन शुरू करते है
विवेक- डन पहले श्वेता भाभी ट्रुथ या डेयर?
श्वेता- ट्रुथ!
और श्वेता के ट्रुथ बोलते हो विवेक के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई उसने पहले शेखर को देखा और फिर श्वेता को और फिर बोला
विवेक- ओके तो अब बताइए के आप दोनों की पहली किस कब कहा और कैसे हुई थी
विवेक की बात सुन शेखर खांसने लगा वही श्वेता बड़ी आंखो से उसे देखने लगी और राघव भी क्यूरियसली उन्हे देखने लगा
रिद्धि- बताओ बताओ भाभी
रिद्धि ने श्वेता को छेड़ते हुए कहा
शेखर- अरे यार भाई छोड़ो कुछ और पूछ लो यार
शेखर ने नर्वसली कहा और श्वेता ने भी उसमे हामी भरी लेकिन बाकी लोगों का प्लान तो कुछ और ही था और अब अनुपमा भी इसमे शामिल थी
अनुपमा- शेखर तुम चुप करो और बात मत बदलों
शेखर- भाभी आप भी शामिल हो गई इन सब मे आपको तो पता है सब
अब शेखर की बात सुन राघव शॉक
राघव- इसको पता है?
शेखर- भाभी को हमारे बारे मे सब पता है… she knows everything
अनुपमा- अच्छा चलो श्वेता अब शुरू करो कहानी
रिद्धि- हा ना भाभी बताओ ना हम सब दोस्त है यहा
और फिर श्वेता ने बताना शुरू किया….
श्वेता- तो हुआ ये के हम कॉलेज टूर पे मनाली गए थे, मैं वहा पहली बार जा रही थी और शेरी मेरे सीनियर थे और उस टाइम हम रिलेशनशिप मे नहीं थे लेकिन एक दूसरे को अच्छी तरह जानते थे क्युकी कॉलेज के कल्चरल इवेंट्स मे हम साथ काम भी कर चुके थे, वेल हमारे अंदर एकदूसरे के लिए फीलिंग्स तो थी लेकिन उस टाइम वो प्यार है ये हम दोनों को ही नहीं पता था तो वहा हम सब दोस्तों का ग्रुप कैम्प फायर जला कर बाते कर रहा था वही मेरा एक दोस्त मेरे साथ फ्लर्ट कर रहा था वो काफी पहले से मुझपर लाइन मारता था लेकिन मैंने कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन शेरी का उसपर बराबर ध्यान था और उसका ऐसा मेरे आस पास घूमना शेरी को पसंद नहीं आ रहा था, और उसमे हुआ ये के मैंने भी उसके साथ थोड़ी हस के बाते कर ली तो इन्होंने भी अपनी एक दोस्त के साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया और तुम्हें बताऊं इतनी बुरी लड़की थी ना वो हमेशा मेरे शेरी से चिपकने का ट्राइ करते रहते थी और ये मुझे जलाने के लिए उसके साथ फ्लर्ट कर रहा था हा लेकिन ध्यान मुझ पर ही था लेकिन मुझसे वो देखा नहीं गया और मैं रोते हुए वहा से चली गई और फिर ये मुझे मनाने मेरे पीछे आए, मैं बहुत ज्यादा हर्ट भी थी और गुस्सा भी और जो मन मे आए वो शेरी को बोल रही थी और तब इन्होंने मेरा मुह बंद करने के लिए मुझे किस कर दिया, मैं शॉक मे थी और फिर मेरे बेबी ने वही प्रपोज किया मुझे…. तो यही था पूरा किस्सा…. अब ज्यादा डिटेल्स नहीं बता रही मैं तो अब अगला कौन??
खेल जारी रहेगा….