सुबह सुबह खिड़की से कमरे मे आती सूरज की रोशनी बेड पर सोई उस खूबसूरत लड़की की नींद मे खलल डाल रही थी.. उसने आती हुई रोशनी से परेशान होकर अपनी करवट बदली और उसका सीधा हाथ बेड की दूसरी ओर गया मानो किसी को वहा ढूंढ रहा हो लेकिन…
बेड पर उसके अलावा कोई नही था, उसने अपनी आंखे सहलायी और बची कूची नींद को अपनी आँखों से दूर किया और बेड पर उठ कर बैठ गई, उसने एक नजर घड़ी की तरफ देखा तो घड़ी मे इस वक्त सुबह के 7 बज रहे थे।
उसने एक नजर अपने कमरे मे घुमाई फिर दोबारा बेड को देखा, एक लंबी सास छोड़ी और मुह ही मुह मे कुछ पुटपुटाकर वो अपनी दैनिक क्रिया निपटने के लिए उठ गई और बाथरूम की ओर चली गई..
बाथरूम से आकार और रेडी होकर उसने नीचे जाने से पहले आखरी बार अपने आप को आईने मे देखा, उसे अपने आप को प्रेसेंटेबल रखना था आखिर वो इस परिवार की बड़ी बहु थी..
अनुपमा राघव देशपांडे…
अनुपमा और राघव की शादी को पाँच महीने बीत चुके थे…
अनुपमा ने नीचे जाकर सबसे पहले किचन मे कदम रखा जहा राघव की मा और चाची पहले ही मौजूद थे
अनुपमा- गुड मॉर्निंग मा, चाची
अनुपमा ने मुस्कुराकर उन दोनों को मॉर्निंग विश की
“गुड मॉर्निंग बेटा” अनुपमा की सास जानकी ने भी उसे मुस्कुरा कर जवाब दिया
“गुड मॉर्निंग अनुपमा” मीनाक्षी ने कहा
अनुपमा – तो बताइए आज क्या बनाना है नाश्ते के लिए
अनुपमा ने अपनी सास की ओर देख कर पूछा
“कुछ बढ़िया पराठों के बारे मे क्या खयाल है?” पीछे से एक आवाज आई जो कोई और नही बल्कि इस घर के मुखिया शिवशंकर जी थे
“गुड मॉर्निंग पापाजी” कहते हुए जानकी और मीनाक्षी ने उनके पैर छूए
शिवशंकर- खुश रहो
अनुपमा- गुड मॉर्निंग दादू
अनुपमा ने भी शिवशंकर जी के पैर छूए
शिवशंकर- खुश रहो और अब बताओ कब बन रहे मेरे पराठे
तभी पीछे से गायत्री जी की आवाज आई
गायत्री- आज अनुपमा जानकी या मीनाक्षी कुछ नही बनाने वाली है
गायत्री जी का इशारा सब समझ रहे थे
दरअसल एक बात तो आप लोगों को बताने की ही रह गई थी, पिछले पाँच महीनों मे शेखर का प्रेमप्रकरण सब घरवालों के सामने आ गया था जिसके चलते शेखर की भी शादी हो चुकी थी
आज शेखर की पत्नी की पहली रसोई थी जिसकी ओर गायत्री जी का इशारा था लेकिन इसमे अनुपमा जानकी और मीनाक्षी करते भी क्या, देशपांडे परिवार की छोटी बहु अभी तक आयी ही नाही थी
गायत्री- कहा है वो ? उसे अब ये भी बताना पड़ेगा क्या की इस वक्त उसे यहा होना चाहिए था?
गायत्री जी ने ताना कसते हुए कहा, वो वैसे तो इस शादी के खिलाफ नही थी लेकिन उतना ज्यादा खुश भी नाही थी,
गायत्री जी को बगैर डिसप्लिन वाले लोग बिल्कुल पसंद नाही थे और उसमे भी उनकी ये नई बहु मिडल क्लास परिवार से थी और उससे भी ज्यादा वो उनके छोटे पोते की पसंद थी
वैसे तो अनुपमा भी मिडल क्लास परिवार से थी लेकिन जब गायत्री जी ने अनुपमा का वेल कल्चर्ड व्यव्हार देखा और जाना के वो कितने बढ़िया डिसप्लिन वाली लड़की है तो उन्होंने उसे खुशी खुशी अपना लिया, वेल सबकी पसंद से ही अनुपमा इस घर की बहु बनी थी सिवाय एक के..
इस घर के सारे नियम गायत्री जी ही बनाती थी और घर मे उनकी बात केवल शिवशंकर जी काट सकते थे लेकिन वो भी बस कभी कभी। उन्हे सब अपने हिसाब से चाहिए होता था।
“मैं यहाँ हु दादीजी” उन सबने एक आवाज सुनी और उस आवाज की दिशा मे घूमे
किचन के गेट पर देशपांडे परिवार ही नई बहु खड़ी थी
श्वेता शेखर देशपांडे
श्वेता ने अंदर आते ही वहा मौजूद सभी बड़ों का आशीर्वाद लिया और सबसे मुस्कुराकर उसे आशीर्वाद दिया सिवाय गायत्री जी के
गायत्री – जानकी और मीनाक्षी तुम दोनों जाओ और जाकर देखो के पूजा की तयारिया हुई या नाही और अनुपमा आज श्वेता की पहली रसोई है तो तुम उसे बताओगी के कहा कहा क्या क्या रखा है लेकिन सिर्फ बताना है कुछ भी बनाने मे उसकी मदद नाही करनी है समझ आया ?
गायत्री जी ने सबको अपना अपना काम बता दिया और सबने मुंडी हिला कर हा कहा जिसके बाद गायत्री जी वहा से चली गई और उसके साथ साथ जानकी और मीनाक्षी भी चली गई
शिवशंकर- गायत्री को थोड़ा समय दो बेटा वो जितनी अभी दिख रही है न उतनी बुरी नाही है,
शिवशंकर जी ने श्वेता के सर पर हाथ फेरते हुए कहा और वो भी वहा से चले गए
अनुपमा- दादी की बात का बुरा मत मानना श्वेता वो ऐसी ही है, मैंने भी मेरे पहले दिन ये सब सहा है,
अनुपमा ने मुस्कुराकर श्वेता का मूड लाइट करने के लिए कहा
श्वेता – कोई बात नाही भाभी, अच्छा अब बताओ क्या बनाऊ मैं ?
अनुपमा – उम्म क्या बना सकती हो तुम वो बताओ ?
श्वेता – उम्म… मैं… उम्म वो मुझे कहना बनाना नही आता
श्वेता ने एकदम धीमी आवाज मे कहा जिससे अनुपमा के चेहरे पर एक मुस्कम आ गई
अनुपमा- इट्स ओके तुम मुझसे कह सकती हो मैं यहा तुम्हारी मदद के लिए ही हु, ऐसा करते है खीर बनाते है मैं जैसा जैसा बताऊ वैसा वैसा करना
अनुपमा ने कहा जिसपर श्वेता मे हामी भारी
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श्वेता जब हाथ धो रही थी तब किसी ने पीछे से आकार उसे गले लगा लिया श्वेता जानती थी के वो कौन है
श्वेता – अब क्या चाहिए तुम्हें? रात काफी नाही थी क्या
श्वेता ने बगैर पीछे मुड़े कहा
शेखर- अब क्या मुझे अपनी ही बीवी से प्यार करने के लिए समय भी देखना पड़ेगा क्या
श्वेता – शेखर कोई देख लेगा न छोड़ो मुझे
श्वेता ने शेखर के हाथों से निकलते हुए कहा
शेखर – उमहू पहले मुझे मेरा मॉर्निंग किस दो
शेखर ने श्वेता को कस के पकड़ते हुए कहा
श्वेता- बाद मे ले लेना अभी नही प्लीज, मुझे काम करने दो हटो
श्वेता ने पीछे मूड कर शेखर कों देखते हुए कहा और मूड कर वो एकदम फ्रीज़ हो गई
शेखर- तो अब तुम्हारा काम मुझसे भी ज्यादा जरूरी है ?
शेखर ने श्वेता के बालों की लट को उसके कान के पीछे करते हुए पूछा लेकिन श्वेता ने कोई जवाब नही दिया
शेखर- अब बोलो भी ऐसे पुतले जैसे क्यू खड़ी हो तुम
शेखर ने जब श्वेता की नजरों का पीछा किया और मूड कर देखा तो वो भी वही जम गया
शेखर ने अपना थूक गटका और सामने खड़ी त्रिमूर्ती को देखा इतने मे श्वेता शेखर के बाजुओ से निकल कर उसके बगल मे आकार खड़ी हो गई थी और उसका सर शर्म से नीचे झुका हुआ था
शेखर- वो… भा.. भाभी वो… मैं… वो… पानी पीने आया था
शेखर बुरी तरह से झेंप गया था और अनुपमा अपनी स्माइल छुपाते हुए बस उसे एक टक देखे जा रही थी लेकिन शेखर को ऐसे हकलाते देखते वहा अनुपमा के साथ मौजूद दोनों लोग अपनी हसी नही रोक पाए और जोर जोर से हसने लगे जिससे श्वेता और भी ज्यादा शर्म से गडे जा रही थी
विवेक – सिरीयसली भाई आप पानी पीने आए थे? इससे पहले तो मैंने आपको कभी घर के इस कोने मे नही देखा और पानी वो तो आपको कोई भी ला देता
विवेक इतना कह के वापिस हसने लगा
रिद्धि- भाई वेरी बैड कम से कम बहाना तो अच्छा बनाओ
विवेक और रिद्धि की बात सुन कर अनुपमा ने अपनी हसी छुपाने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रही
अनुपमा- विवेक रिद्धि चुप करो दोनों ऐसे अपने भाई भाभी को परेशान नाही करते
रिद्धि- पर भाभी भाई इससे पहले कभी पानी लेने किचन मे भी तो नाही आया था न
और रिद्धि वापिस हसने लगी
अनुपमा- हा तो कल ही तो शादी हुई है मेरे देवर की अब इतना तो बनता है
अनुपमा ने शेखर की साइड लेते हुए कहा
शेखर- देखा इस घर मे सिर्फ मेरी भाभी को मेरी फिक्र है समझे नालायको
शेखर ने अनुपमा के पास आते हुए कहा, अनुपमा शेखर के लिए भाभी के रूप मे बड़ी बहन जैसी थी, अनुपमा ने प्यार से शेखर के सर पर हाथ फेर और श्वेता उन्हे देख मुस्कुराने लागि, शेखर ने श्वेता को बताया था के अनुपमा का उसकी लाइफ मे क्या इम्पॉर्टन्स है
रिद्धि- भाभी सारा प्यार क्या सिर्फ शेखर भईया के लिए और हम
रिद्धि ने अपने होंठों को गोल कर प्यार का मुह बनाते हुए कहा
अनुपमा- अरे तुम दोनों तो जान हो मेरी यहा आओ
और अनुपमा ने अपने हाथ फैला दिए जिससे रिद्धि और विवेक
उसके गले लग गए और शेखर ने भी इन्हे जॉइन कर लिया
अनुपमा- तुम वहा क्यू खड़ी हो श्वेता तुम भी आओ
और श्वेता ने भी मुस्कुरा कर उन्हे जॉइन किया
विवेक – अब लग रही है अपनी गैंग कम्प्लीट
तभी उन्हे मीनाक्षी जी का आवाज आया वो उन्हे आरती के लिए बुला रही थी
आरती होने के बाद परिवार के सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे और अनुपमा और श्वेता सबको नाश्ता परोस रही थी
गायत्री- उम्मीद है ये सब श्वेता ने ही बनाया होगा
गायत्री जी ने खीर को देखते हुए कहा
श्वेता- जी दादी
सब लोग खीर खाने लगे और श्वेता बस उन्हे नर्वसली देख रही थी तब अनुपमा ने उसे इशारे से शांत रहने कहा
रमाकांत- खीर बढ़िया बनी है बेटा
रमाकांत जी की बात सुनकर श्वेता के चेहरे पर मुस्कान आ गई
जानकी- हा श्वेता खीर बहुत बढ़िया बनी है
फिर श्वेता ने अपने पति की ओर देखा जो खीर की दूसरी कटोरी खतम करने वाला था लेकिन अभी तक उसने खीर कैसी बनी है नही बताया था
“भूक्कड़” श्वेता ने धीमे से कहा
धनंजय- यहा आओ बेटा ये लो
जिसके साथ ही धनंजय ने मीनाक्षी को इशारा किया और उन दोनों ने एक जूलरी सेट श्वेता को पहली रसोई के नेग मे दिया
श्वेता ने उसे लेने से पहले शेखर को देखा और शेखर ने एक स्माइल के साथ हा का इशारा किया फिर श्वेता ने उन दोनों का आशीर्वाद लिया
जिसके बाद रमाकांत और जानकी ने उसे एक 51000 का एन्वलोप दिया
शिवशंकर- और भई हम हमारा तोहफा तो जब तुम अपने पगफेरे की रस्म से लौट आओगी तब देंगे, सप्राइज़ है तुम्हारे लिए
विवेक- वॉव दादू सप्राइज़
विवेक ने एक्सईट होकर कहा
गायत्री- तुम क्यू इतने खुश हो रहे हो ये नए जोड़े के लिए है तुम्हारे लिए नही
गायत्री की बात सुन कर सब मुस्कुराने लगे, अनुपमा ने पूजा को डायमंड ईयररिंग गिफ्ट किए
रमाकांत- अनुपमा बेटा तुम्हारा पति कहा है
रमाकांत जी को जब अपना बेटा कही नही दिखा तब उन्होंने अनुपमा से पूछा जिससे सब अनुपमा को देखने लगे उसके जवाब के लिए जिसका अनुपमा के पास कोई जवाब नाही था..
ये एकलौता ऐसा सवाल था जो अनुपमा को चुप करा देता था
लेकिन क्यू??
उससे तो बस उसके पती के बारे मे पूछा गया था इसमे चुप होने वाली क्या बात थी?
और कहा था उसका पती??