किस्मत कनेक्शन – 4

परी – आप मुझे यहां छत पर क्यों लेकर आएं हैं?

रोहित – क्यों की जब भी मैं परेशान होता हूं तो यही आता हूं। मेरे सुकून की सीक्रेट जगह है ये ।

परी – पर आप क्यों परेशान हो ?

रोहित – क्यों की मेरी प्यारी सी टकली परी दोस्त परेशान है।

रोहित ने परी को छत के कोने से सटाते हुए कहा। ये वो जगह थी जहां से आधे शहर का खूबसूरत नजारा मिल रहा था लेकिन परी तो अब भी उसी लक्मे ब्यूटी सैलून वाली बात में उलझी हुई थी।

परी – वैसे मैं आपकी दोस्त कब बनी सर? मेरी हैसियत तो आपके यहां नौकर बनने की भी नहीं है

रोहित – उफ परी, तुम तो शकल से समझदार लगती थी लेकिन तुम भी और लड़कियों की ही तरह निकली जो अपनी अक्ल का इस्तेमाल सिर्फ लड़कों को परेशान करने में किया करती है।

रोहित ने नाटकिया अंदाज में कहा तो परी की हंसी छूट गई।

परी – ये क्या बोल रहे हैं आप

रोहित – अपने आप को देखो तुम भी हंस कर मुझे सही सबित कर रही हो वैसे एक बात पूछूँ ?

रोहित ने सीरियस लुक बना कर कहा।

परी – हाँ

रोहित – तुम्हारा मूड क्यू ख़राब हैं ?

परी – सच की कड़वी गोली खिला दी थी किसी ने, पर अभी ठीक हूं मैं

रोहित – पहेलियां समझने में कमजोर हूं पर इतना जरूर कहूंगा की दोस्ती की है तो मरते दम तक निभाऊंगा मैं।

परी- सॉरी

रोहित – क्यु ?

परी – बस आप को गलत समझने के लिए।

रोहित – चिंता मत करो तुम्हारी गलती नहीं है मुझे तो मेरे मां बाप ही नहीं समझ पाए खैर क्या तुमको पिज्जा बनाना आता है?

परी – नहीं, पर खाना आता है

रोहित और परी के बीच वापस सब कुछ ठीक हो गया था। एक तरफ तो वो दोनो अपनी आज की कामयाबी पर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे तो दूसरी तरफ सिर्फ कल का दिन बचा था क्योंकि परसों उनके ड्रामा का दिन था। परी रात भर चलने, उठने बैठने और बोलने की प्रैक्टिस करती रही, करीब सुबह 4 बजे रोहित ने परी को आज के टास्क के बारे में बताया जिसे सुन कर परी के मुह से सिर्फ ना ना निकल रहा था ।

परी – अरे नहीं मुझे कपल डांस बिल्कुल भी नहीं आता है, आप क्यों मेरे पीछे पड़े हैं।

परी पूरे कमरे में भाग रही थी जबकि रोहित उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था। चाहे दोनो कैसे भी हाल से जूझ रहे हो पर इस वक्त कोई देखता तो शायद दुनिया का सबसे प्यारा कपल इनको ही कहता।

रोहित- रिलेक्स यार, कपल डांस बहुत आसान होता है बस मेरा हाथ थाम कर रखना बाकी मैं संभाल लूंगा।

परी- कल ऐसे ही बोल बोलकर आप ने मुझे टकली करवा दिया अब अगर मैंने भरोसा किया तो उफ न न ना ना।

परी वापस अपने हाथ कानो पर रख कर भागने लगी। रोहित का हँस हँस कर बुरा हाल था।

रोहित – कितनी डरपोक हो यार तुम।

परी – हाँ हूँ

रोहित – दोस्ती में जान देने की बात करते हैं लोग

परी – मुझे क्या पता था सच में ही जान ले लोगे आप

रोहित – मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकती।

रोहित सोफ़े पर उदास बैठ गया।

परी – ओके ओके ज्यादा नाटक मत करिए, बताइये क्या करना है।

रोहित की बातों के आगे झुक ही गई परी । बाकी के 4-5 घंटे परी और रोहित लगातार बाँहो में बाँहे डाले तब तक झूमते रहे जब तक की परी की ताल रोहित से नहीं मिल गई। दोनो जब बुरी तरह थक गए तो बड़े बड़े मग कॉफी के लेकर वही फर्श पर बैठ गए। थोड़ी देर तक दोनों के बीच खामोशी थी तभी रोहित ने खामोशी तोड़ी।

रोहित – जानती हो कल तानिया का मैसेज आया था।

परी – वाह उसे आप की याद आ ही गई शायद इसी लिए वैलेंटाइन डे की इतनी अहमियत है लव बर्ड्स के लिए।

रोहित- सब तुम्हारी तरह स्वीट और मासूम नहीं होते है मैडम परी।

परी – मतलब ?

रोहित- मतलब ये कि उसने चैलेंज याद दिलाने के लिए मैसेज किया था।

परी- सॉरी वो मुझे लगा कि ………

रोहित – तुम क्यों सॉरी बोल रही हो यार।

परी- एक बात पूँछू?

रोहित – कितनी भी बातें पूछ लो तुमको इजाजत की जरूरत नहीं है यार।

परी – आप तानिया से बहुत प्यार करते हैं?

रोहित – कमाल है मैंने खुद तो इस ओर कभी सोचा ही नहीं। वैसे सच कहूं तो मुझे यही नहीं पता कि प्यार क्या होता है रही बात तान्या की तो अकेलापन दूर करने के लिए उसका साथ मिल जाता है, जिसके बदले मुझे आधी से ज्यादा सैलरी उसपे खर्च करनी पड़ती है, इससे ज्यादा कभी सोचा ही नहीं था। मेरा छोड़ो तुम बताओ क्या तुमने कभी प्यार किया है?

परी – क्यों मजाक कर रहे हैं सर, प्यार मुहब्बत तब सही लगती है जब पेट में रोटी और जेब में पैसे हो। जब से होश संभाला है किसी तरह का प्यार नसीब नहीं हुआ। कोई भी नहीं है जिसे अपना कह सकू । मां बाप ने जन्म देकर सड़क पर कुत्तो का खाना बनने के लिए फिंक दिया। दोस्ती यारी से मैं खुद हमेशा दूर रहती हूं। जब जॉब के लिए जाती हूं तो लोग मेरे जिस्म को भूके भेडियों की तरह देखते हैं और उसकी कीमत लगाने लगते हैं। ले दे कर एक अनाथालय वाली आंटी हैं जिनकी डांट और गाली में प्यार दिखता है क्योंकि वो कहीं ना कहीं मेरे भले के लिए होता है।

परी की आंखें छलक उठी।

रोहित- प्लीज मत रो परी, मै हूं ना तुम्हारा दोस्त।

परी – ऊपर वाले को शायद दया आ गई थी इसीलिए 5 दिन की ही सही, जन्नत सी जिंदगी दिखा दी वरना उस दिन रोड पर मर जाती और लावारिश लाश का पंचनामा करने भी कोई नहीं आता। आप के साथ बिताये ये 5 दिन जिंदगी भर मेरे साथ रहेंगे। आप का बहुत बहुत शुक्रीया सर।