डॉक्टर और बीमार चंदू मियां
डॉक्टर बीमार चंदू मियां से-कैसी तबीयत है मियां?
चंदू मियां-ठीक होती तो आपके पास काहे आते..
डॉक्टर-मैंने जो दवा दी थी वो खा ली थी।
चंदू मियां-कैसी बातें करते हैं, दवा तो बोतल में भरी हुई थी। खाली काहे होगी?
डॉक्टर-अमा, मेरा मतलब है, दवा पी ली थी।
चंदू मियां-क्या कह रहे हैं, आपने ही तो दी थी दवा पीली नहीं लाल थी।
डॉक्टर-अबे मेरा मतलब है दवा को पी लिया था?
चंदू मियां-डॉक्टर साहब अपना इलाज कराओ दवा को नहीं मुझे पीलिया था।
डॉक्टर सिर पीटते हुए-तू मुझे पागल कर देगा।
चंदू मियां-मेरी नजर में पागलों का एक उम्दा डॉक्टर है।
डॉक्टर-मेरे बाप यहां से जाने का क्या लेगा।
चंदू- बस 500 रुपए दे दो।
डॉक्टर- ये ले 700 और दफा हो जा।
चंदू- डॉक्टर साहब अगली बार दिखाने कब आना है!
डॉक्टर- कोई जरूरत नहीं, तू बिल्कुल ठीक है।
चंदू- मैं ठीक हूं तो फिर तुमने मुझे पलंग पर लिटाकर शर्ट उतरवाकर सांस लेने को क्यों कहा।
डॉक्टर-मैं तुम्हारा चेकअप कर रहा था।
चंदू-जब मैं ठीक हूं तो तुम मेरा चेकअप क्यों कर रहे थे?
डॉक्टर-गलती हो गई थी मेरे बाप।
चंदू- गलती नहीं, तुम मेरी इज्जत लूटना चाहते थे।
डॉक्टर-ये क्या कह रहे हो यार बाहर और मरीज बैठे हैं मेरा पूरा स्टाफ है मेरी इज्जत का सवाल है।
चंदू- पहले ये बताओ कि मेरी इज्जत क्यों लूटना चाहते थे?
डॉक्टर-यार मैं भला तुम्हारी इज्जत क्यों लूटूंगा?
चूंदू- तो फिर किसकी इज्जत लूटना है तुम्हें?
डॉक्टर-यार मुंह बंद करने का क्या लेगा।
चंदू- एक काम करो 1000 रुपए दे दो।
डॉक्टर-ये ले और दफा हो जा यहां से।
चंदू-डॉक्टर साहब अगली बार कब आना है?
डॉक्टर-कभी मत आना मेरे ससुर मैं ये क्लीनिक बंद करके आज ही हरिद्वार तीरथ करने जा रहा हूं।
तेरे कारण इस दुनिया से मेरा दिल उठ गया है!