अंगूर खट्टे है
एक दिन एक भूखी लोमड़ी अंगूर के बगीचे में जा पहुँची बेलों पर पके हुए अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे।
यह देख लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। मुँह ऊपर की ओर तानकर उसने अंगूर पाने की कोशिश की। पर वह सफल न हो सकी। अंगूर काफी ऊँचाई पर थे। उन्हें पाने के लिए लोमड़ी खूब उछली, फिर भी वह अंगूरों तक नहीं पहुँच सकी।
जब तक वह पूरी तरह थक नहीं गई, उछलती ही रही। आखिरकार थककर उसने उम्मीद छोड़ दी और वहाँ से चलती बनी। जाते-जाते उसने कहा, “अंगूर खट्टे हैं। ऐसे खट्टे अंगूर कौन खाए?”
शिक्षा -हार मानने में हर्ज क्या?