बेवकूफ शेर
एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन उसे बहुत भूख लगी। वह गुफा से बाहर आया और किसी जानवर की तलाश करने लगा। उसे दूर एक पेड़ के नीचे खरगोश दिखाई दिया। वह पेड़ की छाया में मजे से खेल रहा था। शेर खरगोश को पकडने के लिये आगे बढ़ा। खरगोश ने शेर को अपनी ओर आते हुए देखा, तो वह जान बचाने के लिये भागने लगा।
शेर ने उसका पीछा किया और लपककर उसे धर दबोचा। शेर ने ज्योंही खरगोश को मारने के लिए पंजा उठाया कि उसकी निगाह हिरन पर पड़ी। उसने सोचा कि इस नन्हे खरगोश से मेरा पेट भर नही सकता। इससे तो हिरन ही अच्छा रहेगा। शेर ने खरगोश को छोड़ दिया। वह हिरन का पीछा करने लगा। हिरन ने शेर को देखा, तो जोर-जोर से छलाँग लगाता हुआ भाग खड़ा हुआ। शेर हिरन को नही पकड़ सका। उसके पीछे भागते-भागते शेर थक कर चूर हो गया। अंत में उसने हिरन का पीछा करना छोड़ दिया। खरगोश भी हाथ से गया और हिरन भी उसे नहीं मिला। अब शेर खरगोश को छोड़ देने के लिये पछताने लगा।
शिक्षा -आधी छोड़ सारी को धाए, आधी रहे न सारी पाए।