भाग्य से बढ़कर पुरूषार्थ है
भाग्य से बढ़कर पुरूषार्थ है राजा विक्रमादित्य के पास सामुद्रिक लक्षण जानने वाला एक ज्योतिषी पहुँचा। विक्रमादित्य का हाथ देखकर ...
Read moreधूर्त मेंढक, जैसी करनी वैसी भरनी
धूर्त मेंढक, जैसी करनी वैसी भरनी एक बार की बात है कि एक चूहे और मेंढक में गहरी दोस्ती थी| ...
Read moreईश्वर कि मर्जी पर रहे खुश
ईश्वर कि मर्जी पर रहे खुश एक बच्चा अपनी माँ के साथ खरदारी करने एक दुकान पर गया तो दुकानदार ...
Read moreमोची का लालच
मोची का लालच किसी गाँव में एक धनी सेठ रहता था उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब ...
Read moreमदद और दया सबसे बड़ा धर्म
मदद और दया सबसे बड़ा धर्म कहा जाता है दूसरों की मदद करना ही सबसे बड़ा धर्म है। मदद एक ...
Read moreदूसरों में ‘अच्छाइयाँ’ दूँढ़ें
दूसरों में ‘अच्छाइयाँ’ दूँढ़ें एक दिन श्रील चेतन्य महाप्रभु पुरी (उड़ीसा) के जगन्नाथ मंदिर में ‘गुरूड़ स्तंभ’ के सहारे खड़े ...
Read moreभगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं
भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं : भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते ...
Read moreअपनी विफलताओं से सीखो
अपनी विफलताओं से सीखो थॉमस अल्वा एडिसन, ये नाम है उस छोटे से बच्चे का जिसे लोग मूर्ख समझा करते ...
Read moreहर इंसान की एक अलग अहमियत होती है
हर इंसान की एक अलग अहमियत होती है दुनिया में हर इंसान की एक अलग अहमियत होती है। हर इंसान ...
Read moreकर्त्तव्य के प्रति महारथी कर्ण की निष्ठा
कर्त्तव्य के प्रति महारथी कर्ण की निष्ठा संधि का प्रस्ताव असफल होने पर जब क्षीकृष्ण हस्तिनापुर लौट चले, तब, महारथी ...
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